Hello Friends! Today’s Short Moral Story in Hindi is “ अवसर की पहचान ”. Here is the collection of Best Moral Stories In Hindi. Below we are sharing very Interesting Moral Stories are written in Hindi. We hope you will like this Hindi Story Collection.
दोस्तों ! आपने कई बार दूसरो को ये कहते हुए सुना होगा या खुद भी कहा होगा कि हमे अवसर ही नही मिला। ये अपनी जिम्मेदारी से भागने और अपनी गलती को छुपाने का बस एक बहाना है।अवसर हमेशा हमारे सामने से आते जाते रहते है पर हम उसे पहचान नही पाते या पहचानने में देर कर देते है।और कई बार हम सिर्फ इसलिये चूक जाते है क्योंकि हम बड़े अवसर के ताक मे रहते हैं। पर अवसर बड़ा या छोटा नही होता है। हमे हर अवसर का उपयोग करना चाहिये।
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दोस्तों इसमें प्रेषित सभी Moral Stories पाश्चात्य काल के किसी न किसी दैनिक जीवन में घटित घटना से संबंधित है! या फिर लोगों द्वारा कथित तौर पर कही गई है| जो आज निश्चित तौर पर हमारे दैनिक जीवन में घटित होती है!
So Friends! Today’s our
INTERESTING MORAL STORY
“ अवसर की पहचान ”
एक गाँव में भोला नाम का गरीब व्यक्ति रहता था।
एक दिन भोला के घर पर एक साधु महाराज जी आये। साधु जी को बहुत भूख लग रहा था, तो उन्होंने भोला को खाना खिलाने को कहा। फिर भोला ने साधु महाराज को खाना खिलाया और उनकी सेवा भी किया।
साधु महाराज भोला की सेवा से खुश हुए और उसकी गरीबी स्थिति को देखकर साधु महाराज ने भोला से कहा !
मैं तुम्हारी सेवा से बहुत खुश हूँ। यह लो पारस पत्थर। इससे तुम जितना चाहों लोहे से सोना बना लेना। मैं एक सप्ताह बाद वापस लौटकर आऊँगा और यह परस पत्थर ले जाऊँगा।
भोला पारस पत्थर को पाकर बहुत खुश हुआ।
अगले दिन भोला बाजार में लोहा लेने के लिए गया। बाजार में पहुँच कर जब भोला ने दुकानदार से लोहे का मूल्य पूछा तो उसे पता चला की लोहा 200 रु प्रति कुंटल बिक रहे हैं। भोला को लोहे का मूल्य बहुत ज्यादा लगा।
फिर उन्होंने दुकानदार से पूछा-
भाई साहब क्या लोहे का मूल्य एक-दो दिन में कम हो सकता हैं ?
दुकानदार ने उत्तर दिया- हाँ।
दुकानदार का यह उत्तर सुनकर भोला अपने घर वापस आ गया और सोचने लगा कि एक-दो दिन में लोहा सस्ता हो जायेंगा तब जाकर खरीद लूँगा।
दो दिन बाद भोला फिर बाजार गये और लोहे का मूल्य पूछा तो उसे पता चला कि लोहे का मूल्य अभी भी वही हैं जिस मूल्य पर दो दिन पहले मिल रहे थे ।
वह फिर से घर लौट आया और सोचने लगा कि आज भी लोहे का मूल्य महंगा ही हैं , हो सकता हैं कि कल परसों सस्ता हो जाये।
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दो दिन बाद भोला फिर से बाजार गये और दुकानदार से लोहे का मूल्य पूछा
लोहे का मूल्य अगली बार से थोड़ी कम हो गई थी। तो उन्होंने एक कुंटल लोहा खरीद लेना चाहा, तभी भोला ने सोचा एक कुंटल लोहे को मैं घर तक कैसे ले जाऊँगा। इतना लोहा ले जाने में तो काफी पैसा खर्च हो जायेगा।
ऐसा करता हूँ। कल परसों फिर से बाजार आऊँगा, तब तक लोहा और सस्ता हो जायेगा,और मेरा पैसा भी थोड़ा बच जाएगा।
दो दिन बाद जब भोला बाजार जाने के लिए घर से निकल ही रहे थे तभी उसे साधु महाराज मिल गये।
साधु महाराज को भोला को देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि अब तक भोला की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया था।
साधु महाराज ने जब भोला से इसका कारण पूछा तो भोला ने साधु को सभी बात बता दिया।
तब साधु महाराज बोले- अरे मुर्ख !
लोहा चाहे कितना भी महँगा क्यों ना हो मगर वह सोने से कई गुना सस्ता ही होता हैं।
यदि तुम प्रतिदिन एक कुंटल लोहे को सोना बनाते तो आज 7 कुंटल सोने का मालिक होता। आज एक सप्ताह पूरा हो गया हैं, मैं तेरे पास से अब उस पारस पत्थर को ले जा रहा हूँ।
भोला को अब अपनी गलती का एहसास हो गया और रोते हुए साधु महाराज के पैरों पर गिर गया और कहने लगा-
मुझे आप एक मौका और दो मैं एक सप्ताह बाद उस पारस पत्थर को आपको लौटा दुँगा।
तब महात्मा जी बोले !
तूने अपनी जिंदगी में आये एक स्वर्ण अवसर को अपने अविवेक के कारण खाली गँवा दिया। ऐसे अवसर जीवन में एक बार ही आते हैं। ऐसे कहकर साधु महाराज पारस पत्थर को लेकर चले गये।
Moral:-
- सभी व्यक्ति के जीवन में एक अवसर जरुर आता हैं जो उसे सफलता के शिखर पर ले जाता हैं।
- अवसर को पहचानना सीखिए क्योंकि अवसर मूल्यवान होता हैं।
- हर एक इंसान कि जिन्दगी अवसरों से भरी हुई है।
- अगर एक बार अवसर गवां दिया तो फिर वह अवसर दुबारा नहीं मिलेगा।
- ज्यादा अच्छे अवसर के चक्कर में हाथ आए अवसर को नहीं छोड़ना चाहिए। वरना अंत में खाली हाथ लौटना पड़ता है।
- जीवन में आये हर मौके का फायदा उठाना चाहिए और सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ते रहना चाहिए।
धन्यवाद!
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