Hello Friends! Today’s we are sharing the Short Moral Stories in Hindi that’s title is “ डिग्रियों की कीमत ”. Guys, It’s a very Interesting Moral Story written in Hindi. Friends! Here are a lot of collections of Hindi Stories. We are sharing Everyday a New Moral Story in Hindi for Kids and Everyone. Below we Shared our Today’s Short Moral Stories in Hindi. We hope you will like this story, share, and Subscribe to our Website.
मित्रों! यह एक ऐसा Website है जहां हम रोज एक ऐसे ही Short Moral Stories Hindi में Share करते हैं! जो व्यक्ति को एक नैतिक सीख देती है और जीने की कला सिखाती है|
दोस्तों इसमें प्रेषित सभी Moral Stories पाश्चात्य काल के किसी न किसी दैनिक जीवन में घटित घटना से संबंधित है! या फिर लोगों द्वारा कथित तौर पर कही गई है| जो आज निश्चित तौर पर हमारे दैनिक जीवन में घटित होती है!
So Friends! Today’s our
INTERESTING MORAL STORY
“ डिग्रियों की कीमत ”
एक बार की बात हैं रूस के प्रसिद्ध लेखक लियो टॉलस्टॉय को एक बार अपना काम-काज देखने के लिए एक आदमी की ज़रुरत पड़ी।
तो लियो टॉलस्टॉय ने इस बारे में अपने कुछ मित्रों से भी कह दिया कि यदि उनकी जानकारी में कोई ऐसा व्यक्ति हो तो उसे भेजें।
कुछ दिनों बाद एक मित्र ने किसी को लियो टॉलस्टॉय के पास भेजा। वह काफी पढ़ा लिखा था और उसके पास कई प्रकार के सर्टिफिकेट और डिग्रियाँ थीं।
वह व्यक्ति लियो टॉलस्टॉय से मिला, लेकिन तमाम डिग्रियां होने के बावजूद लियो टॉलस्टॉय ने उसे नौकरी पर नहीं रखा।
दुसरे दिन एक दुसरे मित्र ने एक और व्यक्ति को लियो टॉलस्टॉय के पास भेजा।
उस व्यक्ति के पास ऐसे कोई भी डिग्री और सर्टिफिकेट नहीं थी फिर भी लियो टॉलस्टॉय ने उसे नौकरी पर रख लिया।
Must Read:- Short Moral Stories in Hindi
इस बारे में जब उसके पहले मित्र को पता चला तो उन्होंने लियो टॉलस्टॉय से पूछा कि जिस व्यक्ति के पास ना तो कोई डिग्री थी और ना कोई सर्टिफिकेट थी फिर भी उसे आप नौकरी पर रख लिए परन्तु जिस व्यक्ति के पास कई प्रकार के सर्टिफिकेट और डिग्रियां थीं,
उसे आपने नौकरी पर नहीं रखा ऐसा क्यों ।
क्या मैं इसकी वजह जान सकता हूँ ?
फिर टॉलस्टॉय ने बताया- मित्र! जिस व्यक्ति का मैंने चयन किया है उसके पास तो अमूल्य प्रमाणपत्र हैं, उसने मेरे कमरे में आने के पूर्व मेरी अनुमति मांगी। दरवाजे पर रखे गए डोरमैट पर जूते साफ करके रूम में प्रवेश किया। उसके कपड़े साधारण, लेकिन साफ-सुथरे थे।
मैंने उससे जो प्रश्न किये उसके उसने बिना घुमाए-फिराए संक्षिप्त उत्तर दिए , और अंत में मुलाकात पूरी होने पर वह मेरी इज़ाज़त लेकर नम्रतापूर्वक वापस चला गया। उसने मेरे से कोई खुशामद नहीं की, ना किसी की सिफारिस लाया, अधिक पढ़ा-लिखा ना होने के बावजूद उसे अपनी काबिलियत पर विश्वास था, इतने सारे प्रमाणपत्र बहुत कम लोगों के पास होते है।
और तुमने जिस व्यक्ति को भेजा था उसके पास इनमे से कोई भी प्रमाणपत्र नहीं था , वह सीधा ही कमरे में चला आया, बिना आज्ञा कुर्सी पर बैठ गया और अपनी काबिलियत की जगह तुमसे जान-पहचान के बारे में बताने लगा तुम्ही बताओं, उसकी इन डिग्रियों की क्या कीमत है ?
अब मित्र भी टॉलस्टॉय की बात समझ गया, वह भी असल प्रमाणपत्रों की महत्ता जान गया।
Moral:-
- अपनी काबिलियत पर विश्वास रखना।
- शिष्टाचार का महत्व।
लाख जमाने की डिग्रियाँ
हासिल कर लो,
जिस इन्सान में बोलने की
तमीज नहीं है,
वो इन्सान अनपढ़ के
बराबर हैं।
धन्यवाद!
मित्रो आज की हमारी स्टोरी “ डिग्रियों की कीमत ” कैसे लगी और आपने क्या सिखा हमें comment में जरूर बताये ! यदि आपके पास भी ऐसी ही Short Moral Stories in Hindi हैं तो आप हमें Gmail में जरुर भेजे उसे आपके फोटो और नाम से साथ हमारे Website के द्वारा लोगो तक पहुचाएंगे|
Gmail Id:- shareknowledge98@gmail.com
और दोस्तों इस तरह के शॉर्ट रोचक स्टोरी पढ़ने के लिए हमारे Website:- www.thoughtsguruji.comके साथ जुड़े रहिए |इसे अपने अपनों को भी पढ़ाइए ,बताइए और सुनाइए |