Moral Stories In Hindi – “सुपात्र और कुपात्र”

Hello Friends! Today’s our Interesting Moral Stories is “सुपात्र और कुपात्र”. Here the collection of Best Moral Stories In Hindi. Below we are sharing very Interesting Moral Stories are written in Hindi. We hope you will like this Hindi Story Collection.

Moral Stories in Hindi-सुपात्र और कुपात्र


मित्रों! यह एक ऐसा Website है जहां हम रोज एक ऐसे ही Interesting
Moral Stories Hindi में Share करते हैं! जो व्यक्ति को एक नैतिक सीख देती है और जीने की कला सिखाती है|

दोस्तों इसमें प्रेषित सभी Moral Stories पाश्चात्य काल के किसी न किसी दैनिक जीवन में घटित घटना से संबंधित है! या फिर लोगों द्वारा कथित तौर पर कही गई है| जो आज निश्चित तौर पर हमारे दैनिक जीवन में घटित होती है!

So Friends! Today’s our

INTERESTING MORAL STORY

सुपात्र और कुपात्र

एक सन्यासी की सिद्धियों से प्रभावित होकर एक बार एक महिला उनसे सिद्धियां प्राप्त करने गई|कुछ समय तक साधना उपासना करने के बाद जब उसे कोई विशेष उपलब्धि नहीं हुई तो वह सन्यासी के पास जाकर बोली- देव!भगवान भी बड़ा पक्षपाती है|वह किसी-किसी को तो सिद्धि स्वामी बना देता है और किसी को कुछ भी नहीं देता|

 A River and a old House

सन्यासी मुस्कुराए और बोले- ऐसा नहीं है|भगवान विशिष्ट सिद्धियां सुपात्र को ही देता है|महिला ने कहा- ” जब पात्रता विकसित करके हर कोई उन्हें  प्राप्त कर सकता है तो इससे भगवान की क्या विशेषता रही ?उसे तो सब को एक समान रूप से अनुदान देना चाहिए|”

 A Girl On the Painting making the clothes

Short Moral Stories in Hindi

सन्यासी उस समय तो चुप रहे परंतु दूसरे दिन उन्होंने गाँव के एक मूर्ख व्यक्ति से कहा- “अमुक महिला के घर जाकर उससे उनके सोने के आभूषण मांग लावो|”

मुर्ख व्यक्ति ने जाकर उस महिला के आभूषण मांगे|उस महिला ने उसे झिड़ककर आभूषण बिना ही दिए भगा दिया|

सुपात्र और कुपात्र

थोड़ी देर बाद सन्यासी उस महिला के पास पहुंचे और बोले- ” आप 1 दिन के लिए अपने आभूषण मुझे दे दे|आवश्यक काम करके आपको लौटा दूंगा|”

उस महिला ने कोई प्रश्न पूछे बिना, अपना संदूक खोला और सहर्ष अपने कीमती आभूषण सन्यासी को उसी समय हाथ में सौप दिए|आभूषण हाथ में लिए हुए ही सन्यासी ने उस महिला से पूछा – ” अभी-अभी जो व्यक्ति आया था उसे अपने आभूषण क्यों नहीं दिए ? ”

the Great sant and a women at the picture women begging her object to sant at the Moral Stories in Hindi

वह  बोली – ” मैं उस मुर्ख को अपने आभूषण कैसे दे देती है ?

सन्यासी बोले – ” जब आप सामान्य आभूषण भी सोचे-विचारे बिना कुपात्र को नहीं दे सकती तो परमात्मा अपने दिव्य अनुदान कुपात्रो को कैसे दे सकते हैं|” वह तो बार-बार इस बात का पूरा ध्यान देता है कि जिसको अनुदान दिया जा रहा है उसमें पात्रता है या नहीं| 

Moral:-

  • आज समाज को भी ऐसे ही सोच की आवश्यकता हैं|अमीर(कुपात्र) नौकरी खरीदते हैं और योग्य(सुपात्र) बेरोजगार होकर आत्महत्या कर रहा|परिणाम “देश का विकास” जो आप देख ही रहे हैं|यकीन नही तो उस सरकारी नौकरी की Interview दिलाने गए गरीब युवक से पूछो ?
  • कभी भी धैर्य मत खोना|जिस तरह से आप मेहनत करोगे उसका रिजल्ट भी वैसा ही आएगा|अगर असफल हो रहे हो तो कही ना कही आप चुक रहे हो, कोई एक ऐसी गलती कर रहे हो जो आपको मंजिल से रोक रही हैं|
  • सुपात्र और कुपात्र में बहुत अंतर हैं: गाय घास खाकर भी दूध देती हैं, और सर्प दूध पीकर भी जहर उगलता हैं|

धन्यवाद!

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