Inspirational Short Story in Hindi- ” नाम का महत्व ”

Hello Friends! Are you looking for the Inspirational Short Story in Hindi? so you are at the right site. Here Available a lot of Inspirational Short Story in Hindi. We Publish every day New Moral Stories related to Moral Education. Today’s out  Inspirational Short Story is ” नाम का महत्व ”.

Inspirational Short Story in Hindi

मित्रों! यह एक ऐसा Website है जहां हम रोज एक ऐसे ही Inspirational Short Story Hindi में Share करते हैंजो व्यक्ति को एक नैतिक सीख देती है और जीने की कला सिखाती है|

दोस्तों इसमें प्रेषित सभी Moral Stories पाश्चात्य काल के किसी न किसी दैनिक जीवन में घटित घटना से संबंधित हैया फिर लोगों द्वारा कथित तौर पर कही गई है| जो आज निश्चित तौर पर हमारे दैनिक जीवन में घटित होती है!

So Friends! Today’s our

INTERESTING MORAL STORY

” नाम का महत्व ”

एक बालक था। उसके निरक्षर माता-पिता ने उसका नाम पापक रख दिया।

जिसका अर्थ होता है- पाप करने वाला।

उन्हें अर्थ का पता नहीं था। जब बालक कुछ बड़ा हुआ और पढ़ने गया तब उसे अपने नाम का अर्थ पता चला, तो उसे बड़ा दुःख हुआ।

उसने सोचा कि अपना नाम बदल लिया जाय। इसलिए वह अपने गुरु के पास पहुंचा।

उसने गुरू से कहा कि मेरे नाम का अर्थ सही नहीं है। इसलिए आप मेरा नाम बदल दीजिये।

गुरु ने समझाया कि नाम से कुछ नहीं होता, महत्वपूर्ण तो कर्म हैं।

लेकिन बालक ने अपना नाम बदलने की जिद पकड़ ली। तब गुरुजी ने कहा कि ठीक है, तुम जाओ और कोई अच्छा और सार्थक नाम ढूंढ कर लाओ। फिर मैं तुम्हारा नाम बदल दूंगा।

Must Read:-Inspirational Short Story in Hindi

लड़का एक अच्छा और सार्थक नाम ढूढने निकल पड़ा।

राह में उसे एक व्यक्ति मिला जो अपना रास्ता भटक गया था। वह लोगों से रास्ता पूछ रहा था। बालक ने उस व्यक्ति से नाम पूछा तो उसने अपना नाम पंथक बताया। जिसका अर्थ होता है रास्ता जानने वाला।

बालक ने आश्चर्यचकित होकर सोचा कि क्या पंथक नाम वाले भी रास्ता भटक जाते हैं ?

फिर वह कुछ और आगे बढ़ा तो उसे एक अर्थी जाती हुई दिखाई पड़ी। कौतूहलवश उसने मृत व्यक्ति का नाम पूछा तो पता चला कि मरने वाले का नाम अमरनाथ था।

उसने सोचा कि क्या विडम्बना है, अमर नाम वाले भी मरते हैं ?

वह कुछ और आगे बढ़ा तो उसे सड़क किनारे एक व्यक्ति भीख मांगता दिखा। उसने उस भिखारी से भी नाम पूछा तो उसने अपना नाम धनीराम बताया।

अब तो वह दुविधा में पड़ गया कि क्या नाम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता ?

अब तक जो भी लोग मिले सबके नाम का अर्थ विपरीत ही था। उसे विश्वास हो गया कि गुरुजी ठीक ही कहते हैं कि नाम का कोई महत्व नहीं।

महत्व व्यक्ति के कर्मों का होता है।

वह वापस आश्रम लौट आया और उसने गुरुजी को बताया कि अब वह अपने नाम से संतुष्ट है।

Moral-

  • व्यक्ति का नाम नहीं उसका काम ही उसे बड़ा बनाता है।
  • दुनिया में कई ऐसे महापुरुष हुए हैं। जिनके नाम तो साधारण थे। लेकिन अपने काम से वे पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुए।

इसी प्रकार हिंदी के प्रसिद्ध हास्य कवि काका हाथरसी जी की कविता की ये पंक्तियाँ बहुत प्रासंगिक हैं–

नाम-रूप के भेद पर कभी किया है गौर ?
नाम मिला कुछ और तो, शक्ल-अक़्ल कुछ और।
शक्ल-अक़्ल कुछ और, नैनसुख देखे काने,
बाबू सुंदरलाल बनाए ऐंचकताने।
कहं ‘काका ’ कवि, दयारामजी मारे मच्छर,
विद्याधर को भैंस बराबर काला अक्षर।

धन्यवाद!

मित्रो आज की हमारी स्टोरी “ नाम का महत्व ” कैसे लगी और आपने क्या सिखा हमें comment में जरूर बताये ! यदि आपके पास भी ऐसी ही Inspirational Short Story हैं तो आप हमें Gmail में जरुर भेजे उसे आपके फोटो और नाम से साथ हमारे Website के द्वारा लोगो तक पहुचाएंगे|

Gmail Id:- shareknowledge98@gmail.com

और दोस्तों इस तरह के शॉर्ट रोचक स्टोरी पढ़ने के लिए हमारे Website:- www.thoughtsguruji.comके साथ जुड़े रहिए |इसे अपने अपनों को भी पढ़ाइए ,बताइए और सुनाइए |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *