Very Short Stories with Morals- “अपने भीतर खोजो”

Hello Friends! Today’s our Short Stories with Morals is “अपने भीतर खोजो”. Here the collection of Best Moral Stories In Hindi. Below we are sharing very Interesting Moral Stories are written in Hindi. We hope you will like this Hindi Story Collection.

Very Short Stories with Morals


मित्रों! यह एक ऐसा Website है जहां हम रोज एक ऐसे ही Very Short Stories with Morals Hindi में Share करते हैं
! जो व्यक्ति को एक नैतिक सीख देती है और जीने की कला सिखाती है|

दोस्तों इसमें प्रेषित सभी Moral Stories पाश्चात्य काल के किसी न किसी दैनिक जीवन में घटित घटना से संबंधित है! या फिर लोगों द्वारा कथित तौर पर कही गई है| जो आज निश्चित तौर पर हमारे दैनिक जीवन में घटित होती है!

So Friends! Today’s our

INTERESTING MORAL STORY

“अपने भीतर खोजो”

जब ईश्वर सारी सृष्टि का सरताज मनुष्य को बनाया तो उसने तमाम आशीर्वाद की उस पर बौछार कर दी| प्रत्येक मनुष्य को अपनी अपनी खुशियों का खजाना दिया गया|अफसोस! मनुष्य ने उस अनुपम उपहार को दुरुपयोग किया|

 इससे सृजक निराश हो गया उसने देवताओं की एक सभा बुलाकर उनके समक्ष समस्या रखी| मनुष्य को इस उपहार के मूल्य का बोध करवाने के लिए क्या किया जाए? 

एक देवता बोला: “बिल्कुल सरल बात है, आप उसे वापस ले ले, आपने ही यह उपहार दिया है और मनुष्य को दिया उपहार आपका ही है|”

ईश्वर बोले: “कभी नहीं! उपहार तो दिया जा चुका है और देने वाले को वापस लेना शोभा नहीं देता|”

दूसरे देवताओं ने सुझाव दिया: “चलो इसे ऐसे स्थान पर छुपाते हैं जहां मनुष्य इसे पा न सके?”

“वह स्थान कौन सा है?”

एक बोलो: “समुद्र के तल पर|”

Ocean

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भगवान ने कहा: “मनुष्य समुद्र की गहराई में गोता लगाकर इसे पा लेगा|”

 किसी ने कहाँ: “चलो इसे पृथ्वी के बिल्कुल बीचो-बीच दबा देते हैं|”

भगवान बोले: “मनुष्य ऐसी मशीनों का आविष्कार कर लेगा जो भूमि के अन्तरमय भाग में पहुंचकर उसे निकाल लेगा”

इस प्रकार यह चर्चा चलती रही| ईश्वर एक सुझाव के बाद दूसरा नकारते रहे और अंत में उन्हें स्वयं ही यह हल सुझा|

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सर्वदाता बोले: “इसे मनुष्य के भीतर ही छुपाते हैं|मनुष्य अपने बाहर निरंतर प्रसन्नता ढूंढता रहेगा, जबकि वह सदा उसके भीतर विद्यमान होगी|”

 केवल वह व्यक्ति जो अपने भीतर गहरे पैठेगा वही निष्ठापूर्वक प्रसन्नता का खजाना पा सकेगा और वैसा ही ठीक हैं|

Moral:

धन्यवाद!

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5 Replies to “Very Short Stories with Morals- “अपने भीतर खोजो”

  1. Bhai ye sub story’s padh ke hame apna bachpan yad aa gya ki kaise hamare bade bujurag ye sub story’s sunaya karty thy bahut badhiya bhai

    1. ऐसा क्या! धन्यवाद बंधू! कृपया और भी पोस्ट को जरुर पढ़े|

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