If you are finding The Small Moral Story in Hindi for your Kids. So here is the big collection of Interesting Moral Stories in Hindi. We are Sharing The Everyday a New Moral Story written in Hindi. Now our today’s New Story is “संतोष का पुरुष्कार”.We hope you will like this story too much.
मित्रों! यह एक ऐसा Website है जहां हम रोज एक ऐसे ही Small Moral Story in Hindi में Share करते हैं! जो व्यक्ति को एक नैतिक सीख देती है और जीने की कला सिखाती है|
दोस्तों इसमें प्रेषित सभी Moral Stories पाश्चात्य काल के किसी न किसी दैनिक जीवन में घटित घटना से संबंधित है! या फिर लोगों द्वारा कथित तौर पर कही गई है| जो आज निश्चित तौर पर हमारे दैनिक जीवन में घटित होती है!
So Friends! Today’s our
INTERESTING MORAL STORY
” संतोष का पुरुष्कार “
आसफ़उद्दौला नेक बादशाह था|जो भी उसके सामने हाथ फैलाता वह उसकी झोली भर देता था|एक दिन उसने एक फकीर को गाते हुए सुना- ” जिसको ना दे मौला उसको दे आसफ़उद्दौला! ” बादशाह खुश हुआ|उसने फकीर को बुलाकर एक बड़ा तरबूज दिया|फकीर ने तरबूज ले लिया मगर वह दुखी था|
उसने सोचा तरबूज तो कहीं भी मिल जाएगा|बादशाह को कुछ मूल्यवान चीज देनी चाहिए थी|
थोड़ी देर बाद एक और फकीर गाता हुआ बादशाह के पास से गुजरा उसके बोल थे- ” मौला दिलवाए तो मिल जाए मौला दिलवाए तो मिल जाए ” उसने उस फकीर को दो आने दे दिया फकीर ने दो आना लिए और झूमता हुआ चल दिया|
Small Moral Story In Hindi
दोनों फकीरों की रास्ते में भेंट हुई उन्होंने एक-दूसरे से पूछा की बादशाह ने क्या दिया है|पहले ने निराशा स्वर में कहा ” सिर्फ एक तरबूज मिला है “|दूसरे ने खुश होकर बोला ” मुझे दो आने मिले हैं “|
तुम ही फायदे में रहे भाई! पहले फकीर ने कहा, दूसरा फकीर ने कहा ” जो मौला ने दिया ठीक है “|
पहले फकीर ने तरबूज दो आने में बेच दिया दूसरा फकीर तरबूज ले कर बड़ा हो खुश हुआ|वह खुशी-खुशी अपने ठिकाने पहुंचा|उसने तरबूज काटा तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई|उसमें हीरे जवाहरत भरे थे|
Best Small Moral Story in Hindi For Kids
कुछ दिन बाद पहला फकीर फिर से आसफ़उद्दौला से खैरात मांगने गया|बादशाह ने फकीर को पहचान लिया वह बोला- ” तुम अब भी मांगते हो ? उस दिन तरबूज दिया था कैसा निकला ? “
फकीर ने कहा- ” मैंने उसे दो आने में बेच दिया था “|
बादशाह ने कहा- ” भले आदमी उसमें मैंने तुम्हारे लिए हीरे-जवाहरात भरे थे और तुमने उसे बेच दिया|”
तुम्हारी सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि तुम्हारे पास संतोष नहीं है|अगर तुमने संतोष करना सीख लिया होता तो तुम्हें वह सब कुछ मिल जाता जो तुमने सोचा भी नहीं था|लेकिन तुम्हें तरबूज से संतोष नहीं हुआ तुम और ज्यादा की उम्मीद रखने लगी|जबकि तुम्हारे बाद आने वाले फकीर को संतोष का पुरुष्कार मिला|
Moral:-
- मनुष्य के जीवन में संतोष ही सबसे बड़ा धन हैं|चाहे आप कितना भी कमा लीजिये लेकिन जब तक आप Satisfied नही होते सब व्यर्थ हैं|
- ज्यादा की आपेक्षा ही जीवन में असंतुष्टि पैदा करता हैं|जितना ईश्वर ने दिया हैं उसमे संतुष्ट रहिये कितनों को तो वो सब भी नशीब नही हुआ जो आपके पास हैं|
- इंशान को कर्म प्रधान होना चाहिए|जितना मेहनत करोगे उसका परिणाम भी वैसा ही मिलेगा और उसमे आपको संतुष्ट होना ही पड़ेगा|अगर लक्ष्य बड़ा हैं तो तैयारी उससे भी बड़ी होनी चाहिए|
धन्यवाद!
मित्रो आज की हमारी स्टोरी “संतोष का पुरुष्कार” कैसे लगी और आपने क्या सिखा हमें comment में जरूर बताये! यदि आपके पास भी ऐसी ही Small Moral Story In Hindi हैं तो आप हमें Gmail में जरुर भेजे उसे आपके फोटो और नाम से साथ हमारे Website के द्वारा लोगो तक पहुचाएंगे|
Gmail Id:- shareknowledge98@gmail.com
और दोस्तों इस तरह के शॉर्ट रोचक स्टोरी पढ़ने के लिए हमारे Website:- www.thoughtsguruji.comके साथ जुड़े रहिए |इसे अपने अपनों को भी पढ़ाइए,बताइए और सुनाइए |