Hey! If you are finding The Best Inspirational Moral Stories in Hindi so the lot of collection is available here. Today’s our Interesting Moral Stories is ” ग्वालिन का सहज विश्वास “. Below we shared the Interesting Moral Stories are written in Hindi. We Would like to recommend you must read the Inspirational Moral Stories and Share with your friends.
मित्रों! यह एक ऐसा Website है जहां हम रोज एक ऐसे ही Inspirational Moral Stories Share करते हैं! जो व्यक्ति को एक नैतिक सीख देती है और जीने की कला सिखाती है|
दोस्तों इसमें प्रेषित सभी Moral Stories पाश्चात्य काल के किसी न किसी दैनिक जीवन में घटित घटना से संबंधित है! या फिर लोगों द्वारा कथित तौर पर कही गई है| जो आज निश्चित तौर पर हमारे दैनिक जीवन में घटित होती है!
So Friends! Today’s our
INSPIRATIONAL MORAL STORY
” ग्वालिन का सहज विश्वास “
गोकुल में एक ग्वालिन रहती थी|वह नित्य दूध बेचने के लिए नाव से यमुना पार जाया करती थी|वही एक पंडित जी “नाम जप की महिमा” का वर्णन करते थे|एक दिन ग्वालिन भी सत्संग में पहुंची|पंडित जी प्रवचन कह रहे थे “प्रभु नाम रूपी वह नौका है जिसका जो कोई भक्ति पूर्वक आश्रय करता है, वह स्वयमेव संसार में से पार हो जाता है|”
ग्वालिन ने सोचा कि मुझे दो आना आने-जाने के लिए नाव का किराया देना पड़ता है कितना अच्छा हो यदि मैं राम नाम को सिद्ध कर लू|तब इस खर्चे से तो बच जाऊंगी|प्रवचन समाप्त हुआ, तब ग्वालिन में एकांत में पंडित जी से जप की विधि पूछी|पंडित जी बोले “यदि तुम 6 महीने मेरी बताइ गई विधि से जप कर लो तो तुम्हारी कामना अवश्य पूर्ण होगी|”
Inspirational Moral Stories in Hindi
घर जाकर ग्वालिन पूर्ण श्रद्धा भाव से जप करने लगी
और ठीक छः महीने बाद उसने अपने श्रध्दा और विश्वास के लगन से स्वप्न में राम जी के दर्शन द्वारा मंत्र सिद्ध कर लिया कि तेरा मंत्र सिद्द हो गया हैं|तू यमुना पार आ जा सकेगी, तू जो भी चाहेगी वह उस मंत्र से हो जायेगा|
अब ग्वालिन आराम से यमुना तट पर पैर रख कर जाती और दूध बेच कर आती|एक दिन उसके मन आया कि उसे यह सिद्ध पंडित जी के कारण वस प्राप्त हुआ है|
ऐसा सोच वह पंडित जी को अपने घर पर भोजन कराने के लिए बुलाने को गई|यमुना तट पर ग्वालिन बोली- पंडित जी! आप भी राम नाम कहकर मेरे साथ जल में चले आइए|
पंडित जी बोले- पगली यह कैसे संभव है? नौका बिना नदी के तट जाना संभव नही हैं|
ग्वालिन बोली- आपने ही तो कहा था श्री राम नौका के समान है|
पंडित बोले- वो तो मैंने जन्म मरण रूपी संसार से पार जाने की नौका कहा था|
ग्वावालिन बोली- आपके ही उपदेश को ग्रहण कर मंत्र जप करने से मुझे सिद्धि प्राप्त हुई है|जिससे मैं यमुना के आर पार चली जाती हूँ|आप भी चले आइए !
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पंडित जी ने जैसे ही पाव रखा पंडित जी डूबने लगे|यह देख ग्वालिन ने मंत्र उपच्चारण कर प्रार्थना की कि पंडित जी को यमुना पार हो जाए|फिर ग्वालिन ने पंडित जी का हाथ पकड़ कर यमुना पार कराई|पंडित जी विस्मृत थे उस सीधी-सरल ग्वालिन की सिद्ध पर|मन ही मन बहुत लज्जित हुए और मन में ही विचारने लगे|
“आश्चर्य उसी राम मंत्र को ग्रहण कर ग्वालिन तो पार हो गई और मेरी तो सारी आयु रामायण की कथा कहने में ही व्यतीत हो गई|और हम तो वहीं के वहीं ही रहे|”
Moral:-
कुछ लोग होते हैं जो ज्ञान का बखान तो कर सकते हैं पर स्वयं जो वे कह रहे होते हैं उसे अपने जीवन में एक रत्ती भी नहीं उतार पाते|
जब व्यक्ति में अहंकार नहीं होता उसका हृदय सरल होता है तो वह पहली बार में ही अपने मेहनत और लगन की से अपने मंजिल को पा लेता हैं|
बेशक यह Story प्राचीन हैं दोस्तों!
लेकिन आज भी हमारे साथ ऐसी कितनों घटनाये घटती हैं यक़ीनन यह Competion की दौर हैं|लेकिन जैसे आपकी बुरी आदतों की और जितनी जल्दी खिचे जाने की उन्माद हैं ना|अगर उसको सही दिशा की और ले जाओ तो विश्वास और जूनून की लगन से आप अपने लक्ष्य तक एक ही बार में अवश्य पहुंच जाओगे|आप भी सब कुछ जानते जरुर हो, पंडित की तरह ज्ञान भी बाटते हो, लेकिन जब खुद की बारी आति हैं तो हवा निकल जाती हैं|
जो आपका Goal हैं उसे हर सुबह याद करो, उसको पाने के लिए रोज रणनीति बनाओ|स्वयं के ऊपर विश्वास रखो, जब तक मंजिल तक ना पहुच जाओ |
एक बात याद रखिएगा|
अगर
रेस जीतनी हैं ,
तो
मैदान में उतरना पड़ेगा |
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धन्यवाद!
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